भस्मक रोग एक ही प्रकार का ऐसा रोग है जिसमे रोगी हर समय खाता रहता है, रोगी जितना भी खाना खा ले उसे ऐसा लगता है कि उसने अभी तो कुछ भी नहीं खाया है और वह बहुत अधिक खाने लगता है। यह किसी भी व्यक्ति ( युवा, बूढे, बच्चे, और महिला ) और किसी भी उम्र में हो सकता है। इस रोग के उपचार हेतु भस्मकनाशक चूर्ण का प्रयोग करे । भस्मकनाशक चूर्ण विधि :- हरड़, बहेड़ा, आँवला, नागरमोथा, बायबिडंग, पीपल, मिश्री और अपामार्ग के बीज इन ८ औषधियों को समभाग मिलाकर बारीक़ चूर्ण करें लें। मात्रा :- ५ ग्राम से १० ग्राम तक शहद और घृत विषम मात्रा में दिन में दो बार चाट ले। नोट :- यह चूर्ण अमाशय पर अवसादक असर पहुँचता है, जिससे बढ़ी हुई अग्नि कम होकर भस्मक रोग शांत हो जाता है।
Comments