स्वप्नदोष Nightfall
स्वप्नदोष यौवनावस्था का सामान्य रोग है ।
माह में एक या दो बार होना सामान्य है । इससे अधिक् बार होने पर इसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए ।
अत्यधिक स्वप्नदोष के कारण शारीरक एवं मानसिक रोगों को बढ़ावा मिलता है ,जिसके परिणाम स्वरूप गंभीर पीठ दर्द, वृषण दर्द ,तनाव और अवसाद जन्य लक्षण मिलते है1।
कारण:-
श्रृंगारिक एवं कामोत्तेजक दृश्य - नाटक ,सिनेमा, चित्र देखना और अन्तर्निहित करना ।
कामोत्तेजक पुस्तक को पढ़ना, सुन्दर स्त्री संपर्क, कामी पुरुष या स्त्री की संगति,मल मूत्र वेग का रोकना, अप्राकृतिक मैथुन, नशा करना, अत्यधिक रात्रि जागरण, सोते समय गर्म दूध का सेवन, सोने से पहले कामोत्तेजक विषयक चिंतन आदि।
कामोत्तेजक पुस्तक को पढ़ना, सुन्दर स्त्री संपर्क, कामी पुरुष या स्त्री की संगति,मल मूत्र वेग का रोकना, अप्राकृतिक मैथुन, नशा करना, अत्यधिक रात्रि जागरण, सोते समय गर्म दूध का सेवन, सोने से पहले कामोत्तेजक विषयक चिंतन आदि।
चिकित्सा:-
1 अश्वगंधा चूर्ण 3-3 ग्राम दूध से सुबह शाम
2 प्रवाल भस्म 5 ग्राम
अभ्रक भस्म 5 ग्राम
गिलोय सत 10 ग्राम तीनो को मिला कर 30 पुड़िया 1-1 सुबह शाम शहद से
3 वीर्य स्तम्भन वटी 2 -2 सुबह शाम दूध से
4 चंद्रप्रभा वटी 2-2 सुबह शाम दूध से ।
1 अश्वगंधा चूर्ण 3-3 ग्राम दूध से सुबह शाम
2 प्रवाल भस्म 5 ग्राम
अभ्रक भस्म 5 ग्राम
गिलोय सत 10 ग्राम तीनो को मिला कर 30 पुड़िया 1-1 सुबह शाम शहद से
3 वीर्य स्तम्भन वटी 2 -2 सुबह शाम दूध से
4 चंद्रप्रभा वटी 2-2 सुबह शाम दूध से ।
नोट :-
एक माह में पूर्ण लाभ होगा। कामोत्तेजक पुस्तक पढ़ना एवं मन में किसी प्रकार से इस प्रकार की भावना लाना रोग को बढ़ावा देना है।
एक माह में पूर्ण लाभ होगा। कामोत्तेजक पुस्तक पढ़ना एवं मन में किसी प्रकार से इस प्रकार की भावना लाना रोग को बढ़ावा देना है।
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