अग्निमांध (Digestive insufficiency)
निम्न कारण से अग्निमंद होती है :- असम्यक आहार, असमय भोजन, अपक्व आहार, अतिमात्रा में आहार, रात्रि जागरण, अति गुरु या अति रुक्ष भोजन, लंबे समय से व्याधि, असुखकर शय्या, वेग धारण, ईर्ष्या, भय, लोभ, शोक, मद, चिंता एवम् कफकारक आहार विहार आदि ।
चिकित्सा:-
1 अग्नितुण्डी 500 मिग्रा
क्रव्याद रस 225 मिग्रा
शंख भस्म। 500 मिग्रा
मिला कर दिन में दो बार शहद से
2 चित्रकादि वटी 2-2 सुबह शाम भोजन के पहले
3 द्राक्षारिष्ठ 20 ml और 20ml पानी भोजन के बाद।
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