क्या आप खाँस खाँस के परेशान है ? (Cough)
क्या आप खाँस खाँस के परेशान है, तो चंद्रामृत रस अपनाओ।
चंद्रामृत रस पांचो प्रकार की खाँसी के लिये लाभदायक है।
जिस खाँसी में खून आता हो खाँसते खाँसते दाह, प्यास एवं मूर्छा आ जाती हो,उस हालात में इस दवा का अच्छा असर होता है।
यदि जीर्ण ज्वर के साथ खाँसी हो और मंदाग्नि, कास आदि की भी शिकायत हो तो इस रसायन का प्रवाल चंद्रपुटी और तालिशादि चूर्ण में मिला शर्बत गुलबनप्सा के साथ अवश्य प्रयोग करे, इससे कफ नरम होकर आसानी से निकलने लगता है। अनुपान भेद से सभी प्रकार के कास तथा श्वास रोग में यह उत्तम लाभकारी सुप्रसिद्ध औषध है।
उपयोग विधि -
१ गोली शहद में मिला कर चाट ले और ऊपर से बकरी दूध, गोजिव्हादि क्वाथ, द्राक्षारिष्ट पिये।
यदि खाँसी में कफ के साथ रक्त आता हे तो १ गोली इस रस को, ५ रत्ती नागकेशर चूर्ण और ५ रत्ती खून खराबे के चूर्ण के साथ मिलाकर १ तोला लाल कमल स्वरस से साथ ले।
शुष्क खाँसी में मिश्री चूर्ण या मुलेठी चूर्ण के साथ मिला कर देने से शीघ्र लाभ मिलता है।
चंद्रामृत रस पांचो प्रकार की खाँसी के लिये लाभदायक है।
जिस खाँसी में खून आता हो खाँसते खाँसते दाह, प्यास एवं मूर्छा आ जाती हो,उस हालात में इस दवा का अच्छा असर होता है।
यदि जीर्ण ज्वर के साथ खाँसी हो और मंदाग्नि, कास आदि की भी शिकायत हो तो इस रसायन का प्रवाल चंद्रपुटी और तालिशादि चूर्ण में मिला शर्बत गुलबनप्सा के साथ अवश्य प्रयोग करे, इससे कफ नरम होकर आसानी से निकलने लगता है। अनुपान भेद से सभी प्रकार के कास तथा श्वास रोग में यह उत्तम लाभकारी सुप्रसिद्ध औषध है।
उपयोग विधि -
१ गोली शहद में मिला कर चाट ले और ऊपर से बकरी दूध, गोजिव्हादि क्वाथ, द्राक्षारिष्ट पिये।
यदि खाँसी में कफ के साथ रक्त आता हे तो १ गोली इस रस को, ५ रत्ती नागकेशर चूर्ण और ५ रत्ती खून खराबे के चूर्ण के साथ मिलाकर १ तोला लाल कमल स्वरस से साथ ले।
शुष्क खाँसी में मिश्री चूर्ण या मुलेठी चूर्ण के साथ मिला कर देने से शीघ्र लाभ मिलता है।
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