आयुर्वेद के अनुसार 6 ऋतु होती है- 1 बसंत - चैत्र तथा वैशाख मास 2 ग्रीष्म - ज्येष्ठ तथा आषाढ़ मास 3 वर्षा - श्रावण तथा भाद्रपद मास 4 शरद - आश्विन तथा कार्तिक मास 5 हेमन्त - मार्गशीर्ष तथा पौष मास 6 शिशिर - माघ तथा फाल्गुन मास वर्तमान समय हेमन्त और फिर शिशिर का आने वाला है, ऐसे में शरीर की अग्नि तीव्र रहती है । व्यायाम का अच्छा समय वैसे तो व्यायाम किसी भी मौसम में किया जा सकता है, किन्तु हेमन्त और शिशिर में पूर्ण बल शक्ति तक व्यायाम कर सकते है। हेमन्त ऋतु :- इस ऋतु में कोहरा पड़ता है तथा दिशाए धूल तथा धुएँ से भरी हुई प्रतीत होती हैं। जलाशयों के पानी पर पपड़ी- सी जम जाती है । यह जठराग्निवर्धक तथा प्रत्येक पदार्थ के स्वाद में वृद्वि करती है । इसमें भोजन सरलता से पच जाता है। इस ऋतु में गेहूँ, चावल, तिल,दूध, मलाई, गुड़, चीनी, मिश्री, तैल, घृत, दही, मट्ठा, तोरई, खीरा आदि का सेवन हितकर रहता है । अपथ्य (जिनका प्रयोग नही करना चाहिए) सत्तू, कसेरू, उड़द, जौ, पुराना अन्न, भैंस का दूध, सिंघाड़ा तथा आलू का सेवन, बहुत कम भोजन एवं रुक्ष, कषा...