त्रिफलादि क्वाथ

त्रिफलादि  क्वाथ :-
हरड़, बहेड़ा, आँवला, गिलोय, कुटकी, नीम की छाल, चिरायता, वासा-  ये प्रत्येक ३-३ माशा लेकर इनका यवकूट चूर्ण करें, पश्चात  इनको १ पाव पानी में पकावे, आधा पाव पानी शेष रहने पर उतार कर छान ले और मिश्री मिलाकर दिन में दो तीन बार पिलावे / पिये।

गुण और उपयोग :-

ये क्वाथ का सेवन करने से समस्त प्रकार के कठिन पाण्डु रोग, कामला और हलीमक रोग नष्ट होते है।
विशेष रूप से पित्त विकृतिजन्य पाण्डु, कामला और दूषित जल के पीने से उत्त्पन्न हुआ पाण्डु, कामला रोग भी शीघ्र  नष्ट होता है।   

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