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बस दो दिन में फोड़े फुंसी ख़त्म करे (removes boil and pimples)

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जलजमनी या छिलिहिंट (cocculus hirsutism) जो की गुडूची कुल की है, इसकी प्रसरणशील, रोमश लता पाठा के समान होती है। गुण - लघु, स्निग्ध, पिच्छिल । रस - तिक्त । प्रभाव- विषघ्न। त्वचा में कुष्ठघ्न होने के साथ यह रक्तभाराधिक्य एवं रक्तविकारों में प्रयुक्त होता है । चेहरे पर अधिक फुँसियाँ या फोड़े हे तो बस इसकी पत्तियों को घिसकर लेप तैयार करना है और उसे फुंसियो पर इस्तेमाल करना है, 1-2 दिनों में फुंसियो का नामो निशान ख़त्म करे।

रसोनादि अर्क

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रसोनादि अर्क   द्रव्य -  लहसुन की साफ कली           ६ तोला (72 ग्राम) तुलसी के हरे पत्ते                   २ तोला (24 ग्राम) जावित्री का अधकचरा चूर्ण     ६ तोला (72 ग्राम) परिशोधित सुरासर                 ६० औंस (168 मिली)    विधि - इन सबको मिलाकर  बोतल के मुँह पर डाट लगा लें। बोतल का मुँह बंद करें और ४८ घंटे तक भिगोकर बाद में फ़िल्टर पेपर से छान लें।  मात्रा -  ५ से १० बूंद १-१ औंस जल (२८ मिली.) के साथ दिन में ३ बार लेवें।  उपयोग - यह रसोनादि अर्क उष्णवीर्य, उत्तम जन्तुघ्न, दीपन, पाचन, और वातहर औषध है।  वर्तमान समय में मोतीझरा, रक्तपित्त, रक्तभार बढ़ना (हाईब्लडप्रैशर), संग्रहणी, अग्निमांद्य, अजीर्ण, कर्णशूल, नाड़ीव्रण आदि  रोगो में उपयोगी है।       लहसुन में रक्तभार कम करने का गुण है।  इसलिए रसोनादि अर्क बढ़े हुए रक्तभार के रोगियों को देते है इससे चक्कर आना कम हो जातेहै। शांत निद्रा आती है।