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Showing posts from May, 2015

Indigestion Dyspepsia (अजीर्ण अपचन)

सामान्य अजीर्ण :-                1 अग्निकुमार रस                2  क्रव्याद् रस                3  गंधक वटी विदग्धाजीर्ण:-                1 आरोग्यवर्धनी वटी                2  शंख वटी                3  लवणभास्कर चूर्ण रसशेषा जीर्ण :-               1 प्रवाल भस्म               2 शंख भस्म               3 अग्नितुंडी वटी जीर्ण अजीर्ण :-               1 कासीस भस्म               2 ताप्यादि लौह               3 सुवर्णमालिनी बसंत (उपरोक्त औषध आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ले।)

Arthritis (आमवात संधिवात गठिया)

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OVARIAN CYST (अंडाशय की गांठे / cyst )

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PCOD (polycystic Ovarian Disease) महिलाओं में सामान्य रूप से मिलता है। महिलाओं में sex hormones के असंतुलन के कारण अंडाशय ( ovary) में छोटी छोटी गाठ या cyst हो जाती है जिसके कारण महिलाओं के मासिक धर्म ( Menstrual Cycle ) और प्रजनन क्षमता ( fertility ) पर असर पड़ता है। समय पर चिकित्सा नहीं करने पर यह कैंसर ( cancer) का रूप ले लेती है। महिलाओ में अंडाशय में सामान्य से अधिक मात्रा में androgen hormones की निर्मित होने ovary में छोटी छोटी तरल पदार्थ युक्त cyst बन जाती है । लक्षण :- 1  अनियमित मासिक धर्म ( menstrual cycle) 2  चेहरे / शरीर पर अधिक बाल 3 मुंहासे (Acne) 4 पेटदर्द (Abdomen pain) 5 गर्भधारण में मुश्किलें आना 6 बार बार गर्भपात 7 मोटापा (Obesity) . In Ayurveda  This condition is not explained as a single disease entity, but it can be considerd under the heading of yoni vyapat. Also pushpaghani rewati, mentioned by acharya kashyap bears some similarity with the symptoms of PCOs. Treatment:- 1 आरोग्यवर्धनी वटी (Arogyavrdhni vati) 2 कांचनार गुग्गुल (kanchnar g

Summer Season

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Piles (अर्श)

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Natural treatments to reduce excess body fat

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1)   Exercises aerobic extremely necessary measures are beneficial . Lazy  lifestyle is obesity  increases. So activism are important.  2 ) The use of alcohol and substances produced milk is prohibited  3 ) fruit and vegetable everyday use 750 gram .  4) avoiding  more  carbohydrates  items, potato, and rice is more carbohydrates. The fat that   increase.   5) Only the wheat flour instead of bread wheat, soybean, mixed with gram flour bread is more beneficial . 6) weight controlling body has special significance in yoga. Khapalbhati, Bstrika regular practice .. 7) Visit morning brisk half hour. Weight loss is the best way. 8) In the dining Include more  fibre  material.                                                                                                                                                                                                                    PTO…..                                                        

शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम करने के कुदरती उपचार। 

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 १) चर्बी घटाने के लिये व्यायाम बेहद आवश्यक उपाय है।.        एरोबिक कसरतें लाभप्रद होती हैं। आलसी जीवन शैली से      मोटापा बढता है। अत: सक्रियता बहुत जरूरी है। २)  शराब और दूध निर्मित पदार्थ का उपयोग वर्जित है । 3)  रोज  पोन किलो फ़ल और सब्जी का उपयोग करें। 4)  ज्यादा कर्बोहायड्रेट वाली वस्तुओं का परहेज करें।शकर,आलू,और चावल में अधिक कार्बोहाईड्रेट होता है। ये चर्बी बढाते हैं। सावधानी बरतें। 5)  केवल गेहूं के आटे की रोटी की बजाय गेहूं सोयाबीन,चने के मिश्रित आटे की रोटी ज्यादा फायदेमंद है। 6)  शरीर के वजने को नियंत्रित करने में योगासन का विशेष महत्व है। कपालभाति,भस्त्रिका का  नियमित अभ्यास करें।। 7) सुबह आधा घंटे तेज चाल से घूमने जाएं।  वजन घटाने का सर्वोत्तम तरीका है। 8) भोजन मे ज्यादा रेशे वाले पदार्थ शामिल करें।

गेंहू के ज्वारे

सेहत बनाते हैं गेहूँ के जवारे व्हीट ग्रास यानी गेहूँ के जवारे को आप जूस की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। जर्म को तेल के रूप में या फिर पावडर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका उपयोग सलाद के साथ भी किया जा सकता है। जब आप व्हीट ग्रास का जूस बनाएँ, तो ब्लैंडर को धीमा ही रखें, तेज स्पीड इसके प्राकृतिक घटकों को नष्ट कर सकती है। पाचन तंत्र ठीक रखने और त्वचा को चमकदार रखने के लिए कुछ ग्राम व्हीट ग्रास लेकर उन्हें अच्छी तरह से साफ करें। फिर धीरे-धीरे ब्लैंड करें। इसमें एक छोटा गिलास पानी डालें और ताजा ही पी लें। स्वास्थ्य और स्वाद के लिए थोड़ा-सा शहद भी डाल सकते हैं।व्हीट जर्म का तेल प्रसव के बाद के स्ट्रेच मार्क को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। एक चम्मच व्हीट जर्म ऑइल को कैलेंड्यूला ऑइल के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्से में हर दिन धीरे-धीरे मसाज करें।

आयुर्वेद रस-रसायन, वटी व गोलिया

आयुर्वेद रस-रसायन, वटी व गोलियाँ   अगस्ति सूतराज रस : संग्रहणी अतिसार, आमांश शूल व मंदाग्नि में। मात्रा 1 रत्ती प्रातः व सायं भुना जीरा, मठा या शहद में। अग्नि तुंडी वटी : मंदाग्नि, पेट फूलना व हाजमे के लिए तथा अजीर्ण के दस्त बंद करती है। मात्रा 1 से 3 रत्ती। अग्नि कुमार रस : अजीर्ण, मंदाग्नि एवं पेट दर्द आदि में। मात्रा 1 से 3 रत्ती। अजीर्ण कंटक रस : अजीर्ण व हैजे में। मात्रा 1 से 3 रत्ती तक प्याज व अदरक रस के साथ। अर्श कुठार रस : बवासीर व पद्धकोष्ठ में हल्का दस्तावर है। मात्रा 2 रत्ती शहद में। आनंद भैरव रस : सन्निपात ज्वर, अतिसार, जीर्ण ज्वर, सर्दी, जुकाम, खाँसी व आमवातादि रोगों में। मात्रा 1 से 2 गोली शहद व पान के रस में। आमवतारि रस : आमवात विकार के कारण शरीर के दर्द में लाभकारी। मात्रा 1 से 4 गोली गर्म पानी में अथवा दूध से। आरोग्यवर्द्धिनी वटी नं.1 : पाचक, दीपक, मेदनाशक, मलावरोध, जीर्ण ज्वर, रक्त विकार, शोथ व यकृत रोगों में लाभकारी। मात्रा 1 से 2 गोली रात्रि को ठंडे जल के साथ

अवलेह पाक

कुष्मांड (खंड) अवलेह : रक्तपित्त, कांस, श्वास, उल्टी, प्यास व ज्वर, नाशक, मुंह, नाक, गुदा इन्द्रियों आदि से खून आने पर लाभकारी। नेत्रों को हितकारी, बल, वीर्यवर्धक एवं पौष्टिक। स्वर शुद्ध करता है। मात्रा 15 ग्राम सुबह-शाम चाटना चाहिए। च्यवनप्राश अवलेह (अष्टवर्गयुक्त) : सप्त धातुओं को बढ़ाकर शरीर का काया कल्प करने की प्रसिद्ध औषधि। फेफेड़े के विकार, पुराना श्वास, खांसी, शारीरिक क्षीणता, पुराना बुखार, खून की कमी, कैल्शियम की कमी, क्षय, रक्तपित्त, रक्त क्षय, मंदाग्नि, धातु क्षय आदि रोगों की प्रसिद्ध औषधि। इसमें स्वाभाविक रूप से विटामिन 'सी' पर्याप्त मात्रा में होता है। बल, वीर्यवर्धक है। मात्रा 10 से 25 ग्राम (2-4 चम्मच) दूध के साथ सुबह-शाम सोते समय

आयुर्वेदिक घृत और अवलेह पाक

त्रिफला घृत : इसके सेवन से आंख की ज्योति बढ़ती है तथा रतौंध, आंखों से पानी बहना, खुजली पड़ना, रक्त दृष्टि, नेत्र पीड़ा और नेत्र विकार दूर होते हैं। त्रिफला के पूर्ण गुण होने के साथ-साथ स्निग्धता भी आती है अतः पेट साफ रहता है। मात्रा 5 से 10 ग्राम प्रातः-सायं दूध के साथ। मूसली पाक (केशरयुक्त) : अत्यंत पौष्टिक है। असंयमजनित रोगों को दूर कर शरीर को पुष्ट बनाता है। बल, वीर्यवर्धक, बाजीकारक एवं शक्तिदायक। शरद ऋतु में शक्ति संचय हेतु उपयुक्त। मात्रा 10 से 15 ग्राम प्रातः-सायं दूध से। वासावलेह : सभी प्रकार की खांसी, श्वास, दमा, क्षय, रक्तपित्त, पुरानी खांसी के साथ खून आना, फेफेड़ों की कमजोरी आदि रोगों को नष्ट करता है। मात्रा 10 से 25 ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ। चित्रक हरीतिकी : पुराने और बार-बार होने वाले सर्दी-जुकाम (नजला) की अनुभूत दवा है। पीनस, श्वास, कास तथा उदर रोगों में गुणकारी एवं अग्निवर्धक। मात्रा 3 से 6 ग्राम सुबह-शाम। बादाम पाक (केशर व भस्मयुक्त) : दिल और दिमाग को ताकत देता है। नेत्रों को हितकारी तथा शिरा रोग में लाभकारी। शरीर को पुष्ट करता है और वजन बढ़ाता है। सर्दियों में सेवन करने योग

गाय के घी से दूर न रहे ।

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आज खाने में घी ना लेना एक फेशन बन गया है . बच्चे के जन्म के बाद डॉक्टर्स भी घी खाने से मना करते है . दिल के मरीजों को भी घी से दूर रहने की सलाह दी जाती है रोजाना कम से कम 1 चम्मच गाय का घी तो खाना ही चाहिए . - यह वात और पित्त दोषों को शांत करता है . - चरक संहिता में कहा गया है की जठराग्नि को जब घी डाल कर प्रदीप्त कर दिया जाए तो कितना ही भारी भोजन क्यों ना खाया जाए , ये बुझती नहीं . - बच्चे के जन्म के बाद वात बढ़ जाता है जो घी के सेवन से     निकल जाता है . -अगर ये नहीं निकला तो मोटापा बढ़ जाता है . - कब्ज को हटाने के लिए भी घी मददगार है . - घी सप्तधातुओं को पुष्ट करता है . - दाल में घी डाल कर खाने से गेस नहीं बनती . - घी खाने से मोटापा कम होता है . - घी एंटी ओक्सिदेंट्स की मदद करता है जो फ्री रेडिकल्स को   नुक्सान पहुंचाने से रोकता है . - वनस्पति घी कभी न खाए . ये पित्त बढाता है और शरीर में      जम के बैठता है

दांत दर्द में उपयोगी ।

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याद्दाश्‍त को बढ़ाने के आयुर्वेद आहार

याद्दाश्‍त बढ़ाने या दिमाग को तेज बनाने में मछली का सेवन बहुत फायदेमंद साबित होता है। मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो कि दिमाग को तेज बनाता है। यदि आप शाकाहारी है पालक आपके दिमाग को तेज बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। पालक में मैग्‍नीशियम पाया जाता है, जिससे खून का संचार बढ़ जाता है और आपका दिमाग पहले से बेहतर काम करता है। ऑलिव ऑयल का सेवन भी दिमाग के लिए फायदेमंद होता है। इसमें फैटी एसिड और पॉलीफिनॉल होता है जो कि जोड़ों और दिमाग कि सूजन को कम करता है और ब्रेन पावर को बढ़ाता है। अलसी के बीज को खाने से भी दिमाग तेज होता है, इसमें प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है।

शक्ति से भरपूर है-बादाम

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* शरीर की खोई हुई शक्ति पाने के लिए बादाम की गिरी को दूध में उबाल कर पीना लाभ कर रहता है। * तोतले बच्चों का अच्छा उपचार है। रात को गिरी भिगोएं। प्रात: छील कर गाय के ताजे मक्खन में मिलाकर खिलाएं। * जो बच्चे अभी बोलना सीख न रहे हों, और आप उनकी इस देरी से चिन्तित हों तो भी मक्खन के साथ रात की भीगी और छीली हुई गिरी खिलाएं। बोलने लगेंगे। * कमर दर्द जैसे रोगों का अच्छा उपचार है बादाम का सेवन। * महिलाओं के प्रसूता होने पर उन्हें किसी न किसी रूप में बादाम देना कमजोरी दूर करेगा। * दांतों की रक्षा के लिए बादाम के छिलकों को जला कर मंजन तैयार करें और प्रतिदिन प्रयोग करें। * यदि सुनने की शक्ति कम होने का भय हो तो बादाम रोगन की एक-एक बूंद प्रतिदिन डालें। * औरतों को सफेद पानी (लिकोरिया) बीमारी हो जाने पर बादाम की गिरियां रात भर भिगोएं। प्रात: खिलाएं। * सिर की खुश्की मिटाने के लिए सिर पर बादाम रोगन की मालिश करें। * बाल न झड़े, इसके लिए भी सिर पर बादाम रोगन की मालिश करते हैं। * दिमागी काम करने वालों को पांच से सात बादाम प्रतिदिन खाने चाहिए। यह शक्तिशाली टॉनिक है। * मन्द बुध्दि भी तीव्र क