अदरक ( Ginger)


अदरक रस में कटु, गुण में रुखा, तीखा, उष्ण-तीष्ण एवं विपाक में मधुर होने के कारण कफ तथा वात का नाश करता है, पित्त को बढ़ाता है। 
इसका अधिक सेवन रक्त की पुष्टि करता है, यह उत्तम आमपाचक है।  यह भोजन में रूचि बढ़ाने के लिए इसका सार्वजनिक उपयोग किया जाता है। 
आम (अपच भोजन ) से उत्प्नन होने वाले अजीर्ण, अफरा, शूल, उलटी आदि में और कफजन्य सर्दी-खाँसी में अदरक बहुत उपयोगी है। 

सावधानी - रक्तपित्त, उच्चरक्तचाप, अल्सर, रक्तस्त्राव एवं कोढ़ (त्वचाविकार) में अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए। 
अदरक को फ्रीज़ में रखने से इसके अग्नित्व गुणों में कमी होती है। 

औषद्यि प्रयोग -
१ - अच्छी नवीन अदरक १ सेर उबाले, फिर छीलकर पीसे अनन्तर उत्तम हल्दी आधा पाव पीसकर घी में भूनकर अदरक में मिलाये सेर भर पुराण गुड़ भी मिलावे और एक अमृतवान में रख छोड़े फिर प्रतिदिन बलानुसार एक तोला से दो तोला तक खा सकते है, इस प्रयोग से  खाँसी, मंदाग्नि और दमा रोग में आराम मिलता है। 
२ - नाभि में अदरक रस डालने मात्र से अतिसार में आराम मिलता है। 
३ - अदरक रस ( ५ बूँद ) और शहद ( १ चम्मच ) जुकाम, खाँसी और दमा को दूर करता है। 
४ - अदरक, नीम्बू और सेंधा नमक से मंदाग्नि दूर होती है। 







  

Comments

  1. This summer lockdown is all about burning calories. As long as we are healthy and fit. Our immune system helps us to fight with various diseases. We all are concerned about how to burn calories ?. So, here are the easiest tips to lose weight.

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