श्वासरोग (अस्थमा Bronchial asthma)

श्वास कई व्याधीयो का एक लक्षण मात्र हो सकता है अथवा यह कई अन्य व्याधि का प्रधान एवम् एकमात्र लक्षण भी हो सकता है जैसा कि तमक श्वास रोग में होता है। लाक्षणिक दृष्टि से तमक श्वास Bronchial asthma रोग से एकदम साम्यता रखता है ।

तमकश्वास (अस्थमा)
वायु प्राणवह स्रोतों में पहुच कर गर्दन तथा शिर को जकड़ते हुए कफ का पुनः उदिरण करके पीनस रोग उत्त्पन्न करती है। कफ द्वारा  अवरुद्ध वायु कंठ में घुर - घूर शब्द के साथ अति तीव्र वेगों वाले श्वास रोग को उत्त्पन्न करती है। इस रोग में रोगी अंधकार में प्रविष्ट हुआ सा( आँखों के सामने अँधेरा ) अनुभव करता है । बार बार कफ के वेग से जब तक कफ बहार न निकल जाये रोगी बेचैन रहता है कफ निकलने पर रोगी थोड़ी देर के लिए उसे आराम हो जाता है। श्वास पीड़ित होने के कारण लेटने पर भी उसे निद्रा नही आती है, रोगी को बैठने पर कुछ आराम मिलता है । उष्ण वस्तुऍ अनुकूल होती है उसकी आँखे निकली रहती है ललाट पर पसीना होता है । उसका मुँह सूखा ,श्वास बार बार लेता है और पुनः पुनः तेजी से छोड़ता है। बादल ठन्डे जल , शीत ऋतू और कफवर्धक आहार विहार से रोगी को कष्ट  बढ़ता है ।

चिकित्सा :-
1 श्वास कुठार रस 10 ग्राम
   अभ्रक भस्म      3 ग्राम
   प्रवाल पिष्टी       3 ग्राम
   त्रिकटु चूर्ण।      5 ग्राम
  सितोपलादि चूर्ण  15 ग्राम
     इन सब को मिला कर 30 पुड़िया बनाना है भोजन के एक घंटे पहले शहद से 1-1पुड़िया

2 संजीवनी वटी  2-2 गोली कुनकुने दूध से  या कुनकुने पानी से

3 हरिद्रा खंड 1-1 चम्मच सुबह शाम ।

Comments

Popular posts from this blog

खाने में जीरा क्यो जरूरी ?

अगले 2 वर्षों के भीतर डेंगू का इलाज शुरू करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा: आयुष मंत्रालय

धेर्य पूर्वक मस्से खत्म करे !