Hyperacidity (एसिडिटी)

आयुर्वेद अनुसार विदग्ध पित्त की वृद्घि अम्लपित्त है । पित्त वस्तुतः ताप या संताप जनक पदार्थ का नाम है। अम्लपित्त को लाक्षणिक दृष्टी से देखा जाये तो हाइपर एसिडिटी से सम्बंधित  है।
सामान्य लक्षण :-

1- Indigestion
2- Nausea (जी मचलाना )
3- Anorexia (अरुचि)
4- Heart burn
5- अम्लोंउद्दगार
6- शरीर में भारीपन
7- बिना परिश्रम के थकावट होना |

चिकित्सा :-
1-जटामांसी चूर्ण   2 ग्राम
   माक्षीक भस्म    125 मि. ग्राम
   प्रवाल भस्म       125 मि. ग्राम
   सूतशेखर रस     250 मि. ग्राम  
                   दिन में तीन बार आमलकावलेह से
2- नारिकेल खण्ड 10 ग्राम गो दुग्ध से सुबह शाम

पथ्या :- गेहूं,जौ,चने का सत्तू , मटर,करेला,परवल,हरी सब्जी आदि ।

अपथ्या:- गुरु (भारी) भोजन,तिल,उड़द,तीक्ष्ण पदार्थ,मसाले,तेल,आलू,बेंगन,भात आदि ।

Comments

Popular posts from this blog

खाने में जीरा क्यो जरूरी ?

अगले 2 वर्षों के भीतर डेंगू का इलाज शुरू करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा: आयुष मंत्रालय

धेर्य पूर्वक मस्से खत्म करे !