Rains (वर्षा ऋतु)

आदान काल (late winter,spring,summer ) के प्रभाव से शरीर दुर्बल एवम् जठराग्नि  (पेट का पाचन तंत्र) मंद होती है तथा पुनः वृष्टि हो जाने से भूमि से वाष्प निकलने से पिये गये जल का अम्लविपाक होने से तथा दूषित वातादि दोष के प्रभाव से जठराग्नि और मंद हो जाती है ।

इस ऋतू में सेवन :-

जिस दिन वर्षा हो रही हो, वायु बह रही हो उस दिन सूखा -रुक्ष वात नाशक युक्त भोजन ले ।
वर्षा ऋतू में सुखा, हल्का, स्निग्ध, उष्ण, अम्ल,लवण रस युक्ता भोजन करे ।
प्राय सभी अन्न पान को मधु (शहद) मिश्रित से करना चाहिए।

निषेध:- नदियो का जल, मंथ(सत्तू), दिन में सोना, अतिद्रव पदार्थ , अधिक मैथुन, पैदल चलना व व्यायाम अत्यधिक न करे।

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